गुरुवार, 14 अप्रैल 2011


स्थायी:
चुपके  से कहीं, धीमे पांव  से
जाने किस तरह , किस घड़ी
आगे बढ़  गये हमसे राहो में 
पर  तुम तो अभी थे यहीं
कुछ  भी ना सुना , कब का  था गिला
कैसे कह दिया अलविदा
जिनके दरमियां गुज़री  थी अभी
कल तक मेरी ये जिंदगी
लो इन बाहों को , ठंडी छांव को  
हम भी  कर चले अलविदा
अलविदा, अलविदा, 
मेरी राहें अलविदा
मेरी सांसे कहती है , अलविदा
अलविदा, अलविदा,
 अब  कहना और  क्या
जब तू ने  कह दिया, अलविदा
              अंतरा: १:सुन ले बे खबर  , यूँ  आँखें फेर  कर आज तू चली जा,ढूंढेगी  नज़र
 हमको ही मगर हर जगहा
ऐसी रातों  में लेके करवटें , 
याद हमें करना,  और  फिर हार कर कहना क्यूँ मगर, कह दिया...
 अलविदा अलविदा
कोई पूछे तो जरा , क्या सोचा और  कहा  
अलविदा... 
अलविदा, अलविदा, अब  कहना और   क्या
जब तूने कह दिया, अलविदा...
                       अंतरा: २:
हम थे  "दिलजले , फिर भी दिल कहे 
 काश मेरे संग आज  होते तुम अगर, 
 होती  हर डगर गुलसितां  तुमसे हैं खफ़ा, हम नाराज़  हैं, दिल है परेशां सोचा  ना सुना , तू ने क्यूँ भला कह दिया 
अलविदा अलविदा
कोई पूछे तो जरा ,
 क्या सोचा और कहा अलविदा,  अलविदा-२ ,
 अब  कहना और  क्या
जब तू ने  कह दिया, अलविदा
 अलविदा 3 क्यूँ सोचा  और  कहा
 अलविदा...
लो उन बाहों को , ठंडी छाँव को  
हम भी कर चले अलविदा